अदालती कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीमिंग और रिकॉर्डिंग के लिए मसौदा मॉडल नियम
ई-समिति ने सभी हितधारकों से सुझाव और इनपुट आमंत्रित करने के लिए अदालती कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीमिंग और रिकॉर्डिंग के लिए ड्राफ्ट मॉडल नियम जारी किए।
ई-कमेटी, भारत का सर्वोच्च न्यायालय एक ऐसी न्यायिक प्रणाली की परिकल्पना करता है जो न्याय वितरण प्रणाली से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति के लिए अधिक सुलभ, कुशल और न्यायसंगत हो। संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गारंटीकृत न्याय तक पहुंच के अधिकार में लाइव अदालती कार्यवाही तक पहुंच का अधिकार शामिल है। अधिक पारदर्शिता, समावेशिता लाने और न्याय तक पहुंच को बढ़ावा देने के लिए, ई-समिति ने प्राथमिकता के आधार पर अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग की परियोजना शुरू की है। इससे नागरिकों, पत्रकारों, नागरिक समाज, शिक्षाविदों और कानून के छात्रों को वास्तविक समय के आधार पर सार्वजनिक हित के मामलों सहित लाइव अदालती कार्यवाही तक पहुंच मिल सकेगी, जो अन्यथा भौगोलिक, तार्किक या ढांचागत मुद्दों के कारण संभव नहीं था।
मसौदा मॉडल नियमों में स्वप्निल त्रिपाठी बनाम भारत के सर्वोच्च न्यायालय (2018) 10 एससीसी 639 में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले में प्रतिपादित सिद्धांतों को ध्यान में रखा गया है, जिसमें वादियों और गवाहों की गोपनीयता और गोपनीयता की चिंताएं, व्यापार गोपनीयता से संबंधित मामले शामिल हैं। , केंद्रीय या राज्य कानून द्वारा निर्धारित कार्यवाही या परीक्षणों तक पहुंच पर प्रतिबंध या प्रतिबंध और कुछ मामलों में मामले की संवेदनशीलता के कारण व्यापक सार्वजनिक हित को संरक्षित करने के लिए। ये मसौदा मॉडल नियम अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग और रिकॉर्डिंग के लिए एक संतुलित नियामक ढांचा प्रदान करते हैं।
भारत के सर्वोच्च न्यायालय की ई-समिति ने अदालती कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीमिंग और रिकॉर्डिंग के लिए ड्राफ्ट मॉडल नियमों पर इनपुट, फीडबैक और सुझाव आमंत्रित किए हैं।